रविवार, 15 फ़रवरी 2015

== आप ज्योतिष हे == या बना दिए गए हे \\ आप टैरो रीडर हे \\

== आप ज्योतिष हे == या बना दिए गए हे \\ आप टैरो रीडर हे \\ 
=== आप बाबा हे या बना दिए गए हे \\ आप हर बात पहले से जानते हे \\ आप मुसीबत के मारे ज्योतिष हे \\
=== इस मार्ग में अनेको से मिले अनेको को जानते हे , और अनेको केवल ज्ञानी अपने जीवन अ दुर्भाग्य भोगने हेतु ही ज्ञानी बने हे \\ 
=== अनेको मुसीबत के मारे हे जो ज्योतिषी बने हे \\ अनेको को तंत्र क्रियावो ने धार्मिक बना दिया हे \\
=== अनेको को मज़बूरी ने \\ अनेको को शत्रुवो ने \\ मगर ज्ञानी होने का नशा चढ़ा इस तरह की वह उसमे ही रम गए और अब यही अच्छा लगता हे \\ अनेको दुश्मन के तंत्र प्रयोग से घरबार छोड़कर साधु बने हे अनेको तंत्र प्रयोग से परिवार में होते हुवे भी परिवार दे दूर और दुखी हे \\
=== वास्तविकता तो यह हे की कुछ , बाधक दशवों में , बाधक के कारन या ईस्ट पूजा ज्यादा करने या शिद्धी पूजा ज्यादा करने से कार्यव्यवहार कर न सके या अस्त गृह की दःसा के कारण सभी कुछ चोपट होने से ज्ञानी बने \\ 
=== या आपके अस्त शनि की धशा के कारन आप ज्योतिषी या ज्ञानी बने या , फिर गुरु या बुध के कारन , अनेको प्रसिद्ध जो देखने को चमत्कारी मिले हे वह सभी मज़बूरी के मारे ही मिले हे \\ 
=== अनेको तो सप्तमेश के अस्त , पीड़ित , होने से साधक बने हे यह सप्तमेश का दुःख अनेको को ज्ञानी बना देता हे \\ 
=== कुछ पर बाधक के समय में तंत्र प्रयोग होता हे जिसके कारण वह व्यक्ति , चमत्कारी ज्योतिष हो जाता हे अनेको को प्रेत बढ़ा हो जाती हे अनेको को गन्धर्व लग जाते हे , और यही प्रेत बढ़ाये व्यक्ति के कारोबार को चोपट करने के बाद उसको , बर्बाद करने हेतु ज्ञानी बनाती हे आश्चर्य की बात हे की वह व्यक्ति उसी में मस्त हो जाता हे उसको मालूम ही नहीं होता हे की यह दुर्भाग्य हे जिसको वह भोग रहे हे \\

=== इस श्रेणी में वह विद्वान पंडित नहीं आते हे जो पद लिखकर इस कार्य को व्यवसाय या जीविकोपार्जन हेतु अपनाते हे , किन्तु वह भी सिद्धी के चक्कर में तो पड़ते ही हे इसको वह ईस्ट साधना कहते हे \\
=== कुछ लोग इसको गुरु कृपा भी कहते हे \\ 
=== वह व्यक्ति जो दूसरों को ठीक कर रहा हे वह यहीं नहीं जनता हे की वह स्वयं ही बढ़ा से पीड़ित हे वह ठीक हो सकता हे \\ अनेको महिलाये भी इसी चक्कर में हे और पुरुष भी , बस व्यर्थ ही इधर उधर घूमना और भविष्यवाणी करना और सबको कहते फिरना की देखो यह हमने तो पहले ही कहा था , पहले ही सब बताया था , यह भविस्यवाणी की बीमारी ही हे \\ इसका सबसे बड़ा कारन दुःख का यहीं हे की आपको धर्म कार्य करना चाहिए और आप दूसरों से धाम कार्य के नाम पर पैसे लेने लग जाते हे और किसी को भगवन ने दुःख उसके कर्म के अनुसार ही दिया हे उसको आप दूर करने का कहते हे और जीविका का साधन बनाते हे यहीं से आपके दुःख का मार्ग आरम्भ हो जाता हे \\ 
== कर्मकांडी कर्म कांड करवाता हे , 
=== आस्चर्य तो यह हे की वह जिसको जो बताता हे उससे उसको लाभ होता हे और उस बताने वाले ज्ञानी का नुकसान ही होता हे किन्तु अनुभव की कमी से ज्ञात नहीं होता हे \\ 

== आप ठीक हो सकते हे , आप धर्म के मार्ग पर वापस आ सकते हे , आपको आगे की सोचना हे , आप वास्तविक ज्ञानी होसकते हे आपके ऊपर किया गया प्रयोग दूर हो सकता हे , आप महान भी हो सकते हे , आपके परिवार में भी शुख और आपको भी शुख मिल सकता हे , कोई आवशयक नहीं हे की नकली ब्रह्मचर्य को पीला आप और अपने सहयोगी को भी दुखी करें , पीटीआई के ब्रह्मचर्य का दुःख पत्नी को हे और पत्नी के इस कार्य का दुःख पति को हे इसको आप जाने \\ 
== आप की शक्ति और विस्मित कर सकती हे आप की शक्ति में चमत्कार हो सकते हे \\ 
== आप इस रह में अच्छे से आगे भी बाद सकते हे , 
== आदि लगता हे की यहीं हे और व्यापर को छोड़कर सभी कुछ तबाह होने से ही आप इस कार्य में आए हे तो फिर आपको यह कार्य करना चाहिएगा \\ 
=== जब भी अमावस्या पर्व हो , कोई ग्रहण का पर्व हो , या कोई भी पुण्यदायी मुहूर्त स्नान का हो तब आप ओम्कारेस्वर तीर्थ स्थल पर इस समय जाकर मामलेस्वर ज्योतिर्लिंग और ओम्कारेस्वर ज्योतिर्लिंग के मध्य में बने नर्मदा के घाट पर स्नान करें माँ नर्मदा और भगवन शिव जी के आशीर्वाद से आपको पुण्य स्वरूप ज्ञान और सफलता और तंत्र प्रयोगे से रक्षा होगी \\
== आपको घाट पर प्रातः या सुबह के समय ७=७ डुबकियां दो बार लगाना हे और तर्पण स्थानीय पंडित जी से करवाना हे जो पंडित घाट पर हो उससे ही \\ पानी को लोटे में डालकर स्नान नहीं करना हे नदी में खड़े होकर आपको ७ डुबकियां लगाना हे जिसमे की आप पूरी तरह से पानी के अंदर हो जाये इस तरह ७ बार करना हे और फिर कुछ समय ठहर कर फिर ७ डुबकी और लगाने हे फिर शिवजी का अभिषेक करे या यथा संभव पूजा जो आपसे बन सके करें \\ यह करने से जो भी बाधक या बढ़ा आपके तरक्की की रह रोक रही हे वह दूर हो जाएगी और आप अपना वास्तविक जीवन जी सकेंगे \\ किसी की अधीनता के जीवन से मुक्ति नभी मिलेगी \\== हो सकता हे की किसी को यह पड़कर बुरा लगे और उसका ज्ञान जाग्रत हो और उसको यह मिथ्या लगे वह सज्जन इस कार्य से दूर रहे और हमें क्षमा करने == घमंड ज्ञान को खा जाता हे =09926077010= और शक्ति विद्या को = धन नम्रता को खा जाता हे == किन्तु ज्ञान जो नकली हो वह तो सर्वस्व ही कहाजाता हे == राम राम