गुरुवार, 21 मार्च 2019

लोकसभा चुनाव 2019 भारत,चुनावी समय की महत्वपूर्ण घटनाये और दिनांक , कब क्या होगा

लोकसभा  चुनाव 2019  भारत 

 चुनावी समय की महत्वपूर्ण घटनाये और दिनांक , कब क्या होगा 

आज दिनांक 21  मार्च  2019  को यह लिख रहे हे वैसे अनेको पोस्ट समय पूर्व की फेसबुक पर लिखी हुई हे , सभी का विश्लेषण और प्रभाव \ कल 22  मार्च  को  मंगल का प्रवेश  वृषभ में प्रवेश सायंकाल को होगा और जो ट्र राहु को मानते उनका राहु प्रवेश 23  मार्च को हो जायेगा ]
 चुनावी नतीजे  23  मई  2019  को
सूर्य बुध वृषभ में बुध अस्त  `, शनि केतु  प्लूटो धनु में , राहु  से समसप्तक यो में शनि वक्री  के साथ होगा , साथ ही मंगल राहु  की युति  मिथुन राशिन में होगी , जो की कांग्रेस जन्म काल की हे \ गुरु इस समय  वृश्चिक में  वक्री \
इस समय का चुनाव  अति रक्तरंजित खून खराबे वाला होने के ग्रह संकेत देते हे , किन्तु इस खराबे में कुछ कमी अभी कल से मंगल राशि परिवर्तन के साथ ही कुछ कमी भी आएगी \
28  दिसम्बर  सोमवार  सन  1885  को स्थापित कांग्रेस के अभी तक  17  बार विभाजन  हो चुके हे \ स्थापना समय मंगल और राहु  युति सिंह राशि में थी , शनि मिथुन राशि का  सूर्य धनु में
कांग्रेस में एक समय में 2  प्रधानमंत्री जीवित कभी न रहे , यह दुर्भाग्य ही हे पार्टी का , इस समय अभी इस अनुसार तो मनमोहन शिंग जी जीवित हे तो , इस पार्टी का इस गणित से तो प्रधानमंत्री बनना मुश्किल ही लगता हे \ खेर इस पर और आगे विचारेंगे ही \
तत्कालीन कांग्रेस  आई  को इंदिराजी ने अलग किया था ,
आज जो कांग्रेस हे इसका पंजीयन  1981  में हुवा  इस तरह यह वर्ष 38  हुवा   और कांग्रेस का सफलता का समय कुछ चला हे इसने तीन बड़े राज्य जीती हे इससे पाहिले लगातार राज्य दर राज्य यह हारती जा रहीं थी ]
भारतीय जनता पार्टी === स्थापना  6  अप्रेल  1980  को , सूर्य मीन , मंगल , शनि , गुरु सिंह, राहु सिंह में मंगल राहु   करीब सम अंश पर ही ,  राशि में युति  कर रहें हे \ इस कारण पार्टी को सदैव संघर्षों का सामना करना ही पड़ता हे
6  अप्रेल  2019  को इसका  40    व वर्ष प्रवेश होगा  यह चतुर्थ इस समय
कर्क लग्न से चले तो इस समय में मंगल  का मिथुन प्रवेश  जनता को और सप्ता को दूर करने वाला बनता जा रहा हे \ जो की पार्टी के हितों हेतु उत्तम तो नहीं हे \
इस समय का चुनावी फल
भितरघात , धोखा , मुकाबले में पराजय , शत्रु से कड़ा मुकाबला , अधिक भय , यह फल होता हे \

सर्वाधिक समस्या  मई के चुनाव बाद की ज्यादा ही हे
इस समय  में शनि के वक्री होने से इसका को फल भी ज्यादा ही होगा \
और यह जन समर्थन में सीटों में कमी करता ही हे जो की पार्टी हेतु ठीक  नहीं हे \
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सीट कम होने वाले  राज्य === उत्तर प्रदेश , बिहार , राजस्थान , पंजाब , छत्तीसगढ़ , दिल्ली , मध्यप्रदेश , सर्वाधिक सीट कमी   उत्तरप्रदेश में होगी
सीट बढ़ने वाले राज्य === बंगाल यहां ही सर्वाधिक सीट बाद सकती हे , प्रयास करों , दक्षिण भारत के सभी राज्यों में वृद्धी  हो सकती हे \ महाराष्ट्र , कर्नाटका , तमिलनाडु , उड़ीसा , अन्य सीमावर्ती राज्य \
===== समस्या का हल एक ही हे , अभी से ज्यादा से ज्यादा दलों से गठबंधन किया जाये यह नहीं होने पर सीट कमी की स्थिति में चुनाव पश्चात अन्य दल साथ आना कठिन लगता हे \ 


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