गुरुवार, 12 नवंबर 2015

--- पाकिस्तान तख्ता पलट , Military coups in पाकिस्तान , 1958, 1977 , 1999 सैन्य शाशन 2016 संभव

--- पाकिस्तान तख्ता पलट , Military coups in पाकिस्तान , 1958, 1977 , 1999 सैन्य शाशन 2016 संभव 

=== san 2030===2032 me agla sambhav he =yha nhin laga to nhin lagega fir 2016 
=== और अब क्या 2016 में संभव हे | इसका समय 2015 था जो अब निकल चूका हे \\
======= पकिस्तान गत वर्ष तख्ता पलट से बचा ==== 
Military coups in Pakistan-- military rule (1958 – 1971, 1977 – 1988, 1999 – 2008).
== गत वर्ष एक बहुत ही अच्छा रहा पाकिस्तान के लिए , जो वह एक बार फिर सैन्य शाशन के प्रभाव से बच गया , इस समय भी तख्ता पलट के योग बने थे किन्तु  पूर्ण योग न बनने से वह हो न सका \  
== आगामी वर्ष 2016  भी अप्रेल तक सैन्य शाशन की सम्भावना प्रतीत होती हे , जनवरी मास में कोई आंदोलन वहां अंदर ही अंदर कोई साजिस  सरकार के विरुद्ध करे \\ किन्तु इस समय सफलता की आशंका ही हे ,\\
== 2016  में यदि वहां कोई बड़ी साजिस नहीं होती हे तो आगामी 15  वर्षों में फिर तख्ता पलट की सम्भावना न्यून ही हे , किन्तु 2017  से 2020 तक वहां फिर से  बड़े धार्मिक   आंदोलन खून खराबे की आशंका हे और इस समय वहां पर बहुत नुकसान जातीय हिंशा में हो \\
== इस समय सैन्य या अन्य तख्ता पलट से पाकिस्तान बच गया तो फिर वह 2030 तक सुरक्षित शाशन व्यवस्था में चलेगा और छूट पुट आंदोलन तो होते ही रहेंगे किन्तु , वह तरक्की की और बढ़ेगा \\
== 2017  से 2019  के मध्य में एक  किसी बड़ी लड़ाई की आशंका लगती हे , जिसमे पाकिस्तान को बहुत नुकसान स्वयं ही उठाना पड़े , किन्तु यदि वहां पर , चुनी हुई सरकार रही तो शायद यह नहीं हो और पाक आगे बड़े , किन्तु इस समय 2016  में तख्ता पलट न हो तो वैसे अब यह होने की सम्भावना न्यून ही हे फिर भी कभी गृह अपना फल कुछ आगे पीछे युतिवश देते हे जिससे असमंजस बनता हे \\
== आगामी सैन्य शाशन वहां पर सं २०३१ ==३२ में लगने की पुनः सम्भावना इस समय के बाद होगी -- किन्तु 
== आगामी चुनाव में यदि फिर से एक बार फिर से यहीं सरकार बनने के चंश ज्यादा हे इससे यहां पर लोकतंत्र और मजबूत होगा और शाशन व्यवस्था ठीक रहेगी \\
== स्वामी आनंद शिव मेहता == शिव मेहता == 09926077010 ==
== हमने यहां किसी लड़ाई या युद्ध की कोई गणना नहीं की हे और न ही यहां यह लिखना हमारा कोई उद्देस्य हे इस कारण जो भी पाठक इसकी सम्भावना या कल्पना करते हे , वह अपना कल्पना लगाये \\ 
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