रत्न से दोष निवारण असली रत्न महंगे हे तो आप उमके उप रत्न भी पहन सकते हे जो काफी सस्ते हे
,, प्रायः आज सभी ज्योतिष रत्न की सलाह ही देते हे , और व्यक्ति भी रत्न पहनना अपनी शान समझते हे ,
क्या होता है अंतर?- उपरत्न और रत्न में मुख्य अंतर यही है कि रत्न ज्यादा लम्बे समय तक काम करते हैं जबकि उपरत्न उनकी तुलना में कम समय के लिए प्रभावशाली होते हैं।
सूर्य
- सूर्य का मुख्य रत्न माणिक्य है। इसके स्थन पर तामड़ी , लालड़ी , लाल तुरमली और गार्नेट भी पहन सकते हैं।
- माणिक्य का सबसे अच्छा उपरत्न "स्पाइनल" होता है। इसे अनामिका अंगुली में ताम्बे में धारण करना चाहिए।
चन्द्रमा------ 9926077010 --- shiv mehta -- indore
- चन्द्रमा का मुख्य रत्न मोती है। मोती के उपरत्न मून स्टोन और ऐगेट हैं।
- मोती के स्थान पर चांदी में मूनस्टोन धारण करना सबसे ज्यादा उत्तम होता है।
मंगल
- मंगल का मुख्य रत्न मूंगा है। मूंगे का उपरत्न लाल हकीक है । इसे ताम्बे में धारण कर सकते हैं।
बुध
- बुध का मुख्य रत्न पन्ना है। पन्ने के उपरत्न हरा बैरुज , ओनेक्स , मरगज होते हैं।
- हालांकि इसका सबसे अच्छा उपरत्न मरगज माना जाता है इसे चांदी में धारण करना शुभ होता है।
बृहस्पति
- बृहस्पति का मुख्य रत्न पीला पुखराज होता है। इसके उपरत्न पीला बैरुज , सुनहला , येलो सिट्रीन होते हैं।
- पीला बैरुज सबसे अच्छा उपरत्न है। इसे पीतल या सोने के साथ पहना जाता है।
शुक्र
- शुक्र का मुख्य रत्न हीरा है। हीरा काफी महंगा होता है इसलिए आप इसकी जगह इसके उपरत्न जरकन , अमेरिकन डायमंड और ओपल भी पहन सकते हैं।
- इनमे ओपल सबसे अच्छा उपरत्न है। इसे चांदी में धारण करना चाहिए।
शनि
- शनि का मुख्य रत्न नीलम हैं। नीलम के उपरत्न नीली , नीला टोपाज , लाजवर्त,तंजनाईट और सोडालाइट हैं।
- लेकिन इसका सबसे अच्छा उपरत्न तंजनाईट माना जाता है। इसे चांदी में धारण करने की सलाह दी जाती है।
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