जमाना बदल गया -- नही बदले तो सिर्फ गुरु == आज भी वही ढर्रा \\
किस जमाने की बात करते हो जब लोगो के पास् पैसा नही होता था \
समय होता था \\
राजा आश्रम का खर्च उठाते थे \
अन्य वहां पर सेवा करते और शिक्षा पाते थे \ आज जमाना बदल गया हे सेवा का रूप धनात्मक हो गया हे \
\ पेस दो शिक्षा लो , बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय क्या हे \\
गया जमाना एक दो चार मंत्र सीखे और बस भगवान से भी बड़े या कहि से पुरानी किताब खरीदी और अपने नाम से छपवाई और महागुरु का तमगा लगा लिया जो थोड़ा बहुत भी जनता हे बताना नही चाहता किताब के लिए कह दिया की गुरु बिना सिद्धि नही होगी \\
अब वह ही जो कहे ,पावन - पावन नाम वाले अंदर == एक भाषण में तो उस पाखंडी ने यहां तक कह दिया की == अगर यम के दूत भी लेने आय तो नही लेजा सकते = कह देना की .... का सतसंग चल रहा हे , तेरे बाप का कितना अहंकार हो चला था \\
जो सिखाय वह गुरु \\ अनेको को देखने में आया हे की सिद्धिया यु ही बगैर गुरु के हो गयी हे , बस वह मंदिर जाते थे , हो गए सिद्ध जिनका शनि अस्त हो जन्मांग में वह भी अपनी आजीविका के लिए इस क्षेत्र में आजाता हे ,, व्यापर उसका उस दशा में चलता नही ,
दसम मंगल हो तांत्रिक बना देता हे बगैर गुरु के ही नवम राहु या गुरु सिद्धि दे ही देता हे बगैर गुरु और भी अनेको योग हे \ साधना और सिद्धि के अनेको महिलाये भी इस और अग्रसर हे
, जिनका पारिवारिक जीवन कष्टमय हे \ या परित्यक्ता हे
\ बाकि जो भी यह तक पढ़ते हुवे आया हे वह यह जानले की यह कार्य उत्तम नही हे जितना हो सके इन बातो से दूर ही रहो व्यापार करो नौकरी करो इस प्रकार की तो बात भी न करो न ही इस प्रकार की किसी पुस्तक का अध्ययन भी न करो वह पुस्तक तुम्हे गुमराह कर किंकर्तव्यविमूढ़ बना देगी
\\ स्वप्न देखने लग जावोगे और एक बात \\ जब भी आपको गुरु की महादशा लगेगी गुरु बगैर प्रयास के ही मिल जायगा और आप यदि गुरु उत्तम अवस्था में हे तो गुरुओ को बहुत सेवाभाव और दान दक्षिणा से प्रसन्न
भी रखोगे \\ अनेको लोग गुरु की दशा के समय गुरु बना ही लेते हे \\
दशा बदलते ही शनि खराब हे तो फिर उसके दुश्मन भी हो जाते हे \\ गुरुवो की सेवा करने वाला खुद गुरु बन कर धगने लग जाता हे \\ हर गुरु को ज्योतिष का ज्ञान भी नही होता हे वह तो बस महानता में ही , महान होता हे , दुर्भाग्य उन्हें नष्ट कर ही देता हे \\
आप कल्याण को प्राप्त हो और इस विषय से दूर रहे \\
बातें कहानी तो बहुत हे \\ अप्सरा की साधना नपुंसक ही ज्यादा करते हे और बहुत ही निर्धन व्यक्ति को सपने में लक्ष्मी ही दिखती हे की यहां खोद लो धन निकलेगा , यह देखने में आया हे \\ माफ़ करना दोस्त कुछ किताब में साधना पध्ध्यि को महान जानकर और अपने को ही बहुत शक्तिवान जानकर अहम वष किसी से भीड़ मत जाना अनेको साधक नंग धडंग जगह जगह घूमते कील जायेंगे जो कभी दम्भ भरते थे हिमालय को भी उखाड फेकने का \\
किस जमाने की बात करते हो जब लोगो के पास् पैसा नही होता था \
समय होता था \\
राजा आश्रम का खर्च उठाते थे \
अन्य वहां पर सेवा करते और शिक्षा पाते थे \ आज जमाना बदल गया हे सेवा का रूप धनात्मक हो गया हे \
\ पेस दो शिक्षा लो , बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय क्या हे \\
गया जमाना एक दो चार मंत्र सीखे और बस भगवान से भी बड़े या कहि से पुरानी किताब खरीदी और अपने नाम से छपवाई और महागुरु का तमगा लगा लिया जो थोड़ा बहुत भी जनता हे बताना नही चाहता किताब के लिए कह दिया की गुरु बिना सिद्धि नही होगी \\
अब वह ही जो कहे ,पावन - पावन नाम वाले अंदर == एक भाषण में तो उस पाखंडी ने यहां तक कह दिया की == अगर यम के दूत भी लेने आय तो नही लेजा सकते = कह देना की .... का सतसंग चल रहा हे , तेरे बाप का कितना अहंकार हो चला था \\
जो सिखाय वह गुरु \\ अनेको को देखने में आया हे की सिद्धिया यु ही बगैर गुरु के हो गयी हे , बस वह मंदिर जाते थे , हो गए सिद्ध जिनका शनि अस्त हो जन्मांग में वह भी अपनी आजीविका के लिए इस क्षेत्र में आजाता हे ,, व्यापर उसका उस दशा में चलता नही ,
दसम मंगल हो तांत्रिक बना देता हे बगैर गुरु के ही नवम राहु या गुरु सिद्धि दे ही देता हे बगैर गुरु और भी अनेको योग हे \ साधना और सिद्धि के अनेको महिलाये भी इस और अग्रसर हे
, जिनका पारिवारिक जीवन कष्टमय हे \ या परित्यक्ता हे
\ बाकि जो भी यह तक पढ़ते हुवे आया हे वह यह जानले की यह कार्य उत्तम नही हे जितना हो सके इन बातो से दूर ही रहो व्यापार करो नौकरी करो इस प्रकार की तो बात भी न करो न ही इस प्रकार की किसी पुस्तक का अध्ययन भी न करो वह पुस्तक तुम्हे गुमराह कर किंकर्तव्यविमूढ़ बना देगी
\\ स्वप्न देखने लग जावोगे और एक बात \\ जब भी आपको गुरु की महादशा लगेगी गुरु बगैर प्रयास के ही मिल जायगा और आप यदि गुरु उत्तम अवस्था में हे तो गुरुओ को बहुत सेवाभाव और दान दक्षिणा से प्रसन्न
भी रखोगे \\ अनेको लोग गुरु की दशा के समय गुरु बना ही लेते हे \\
दशा बदलते ही शनि खराब हे तो फिर उसके दुश्मन भी हो जाते हे \\ गुरुवो की सेवा करने वाला खुद गुरु बन कर धगने लग जाता हे \\ हर गुरु को ज्योतिष का ज्ञान भी नही होता हे वह तो बस महानता में ही , महान होता हे , दुर्भाग्य उन्हें नष्ट कर ही देता हे \\
आप कल्याण को प्राप्त हो और इस विषय से दूर रहे \\
बातें कहानी तो बहुत हे \\ अप्सरा की साधना नपुंसक ही ज्यादा करते हे और बहुत ही निर्धन व्यक्ति को सपने में लक्ष्मी ही दिखती हे की यहां खोद लो धन निकलेगा , यह देखने में आया हे \\ माफ़ करना दोस्त कुछ किताब में साधना पध्ध्यि को महान जानकर और अपने को ही बहुत शक्तिवान जानकर अहम वष किसी से भीड़ मत जाना अनेको साधक नंग धडंग जगह जगह घूमते कील जायेंगे जो कभी दम्भ भरते थे हिमालय को भी उखाड फेकने का \\
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