रविवार, 17 जनवरी 2016

navgrah mantra , नवग्रह मंत्र , गृह शांती , दान , शांती पेड़ों की मूल से ,घरेलु टोटके , grah shantee , jado se shantee ,

, नवग्रह मंत्र , गृह शांती , दान , शांती पेड़ों की मूल से ,घरेलु टोटके ,  grah shantee , navgrah mantra , jado se shantee , saste dan , upay , totka , 

swami aannd shiv mehta , शिव मेहता , आनंद शिव मेहता 
grah shantee == vraksh mul se bhi 
ग्रहों की शांती पेड़ पौधों की जड़ों से भी -- सस्ता और सुन्दर 
सूर्य==09926077010=
यदि आपकी कुंडली में सूर्य नीच का होकर तुला राशि में है और केंद्र में या लग्नस्थ है तो कृत्तिका नक्षत्र वाले दिन बेल का एक जड़ प्रात:काल तोडक़र,शिवालय में शिवजी को समर्पित करें और
ऊँ भास्कराय ह्रीं
मंत्र का जाप करने के पश्चात गुलाबी धागे से धारण करें. प्रतिदिन इस मंत्र का जाप करते रहें. रोग,संतानहीनता जैसी अन्य कई समस्याओं का समाधान होगा.
चंद्र==ग्रहों की शांती पेड़ पौधों की जड़ों से भी -- सस्ता और सुन्दर 
यदि आप की कुंडली में चंद्र नीच का होकर वृश्चिक राशि में है,या राहु,केतु और शनि द्वारा प्रभावित है तो, रोहिणी नक्षत्र वाले दिन खिरनी की जड़, शुद्ध करके शिवजी को समर्पित करें और
ऊँ श्रां श्रीं श्रौं स:चंद्रमसे नम:
मंत्र का जाप कर के सफेद धागे में धारण करें. फेफड़े सम्बंधित रोग,एकाकीपन और भावनात्मक समस्याओं का समाधान होगा.
मंगल==ग्रहों की शांती पेड़ पौधों की जड़ों से भी -- सस्ता और सुन्दर 
आपकी कुंडली में मंगल नीच का होकर कर्क राशि में हो या आप मांगलिक हों तो मृगशिरा नक्षत्र वाले दिन अनंतमूल की जड़ शुद्धिकरण के पश्चात हनुमान जी की पूजा कर के\
ऊँ अं अंगारकाय नम:
मंत्र का जाप कर के नारंगी धागे से धारण करें. क्रोध,अवसाद और वैवाहिक बाधा से मुक्ति मिलेगी==099260770q0 बुध==ग्रहों की शांती पेड़ पौधों की जड़ों से भी -- सस्ता और सुन्दर 
यदि आपकी कुंडली में बुध द्वादश,अष्टम भाव में या नीच का होकर मीन राशि में है, तो आप आश£ेषा नक्षत्र वाले दिन विधारा की जड़ गणेश भगवान को को समर्पित करने के पश्चात \
ऊँ बुं बुधाय नम:

मंत्र का जाप कर के हरे रंग के धागे में धारण करें. इस से बुद्धि विकसित होगी तथ निर्णय लेने में हो रही त्रुटि का भी समाधान होगा.
गुरु=ग्रहों की शांती पेड़ पौधों की जड़ों से भी -- सस्ता और सुन्दर =
आपकी कुंडली में यदि गुरु रहु द्वरा युक्त है,राहु द्वारा ²ष्ट है या नीच का होकर मकर राशि में है,तो शुद्ध और ताजी हल्दी की गाँठ पीले धागे में, पुनवर्सु नक्षत्र वाले दिन कृष्ण भगवान या बृहस्पति देव जी की पूजा कर के ऊँ बृं बृहस्पतये नम: मंत्र का जप करके धारण करें. व्यवसाय,नौकरी,विवाह सम्बन्धी समस्या और लीवर सम्बन्धी रोगों में लाभ होगा.
शुक्र==ग्रहों की शांती पेड़ पौधों की जड़ों से भी -- सस्ता और सुन्दर 
यदि आपकी कुंडली में शुक्र अष्टम भाव में है या नीच का होकर कन्या राशि में है, तो आप सरपोंखा की जड़, भरणी नक्षत्र वाले दिन सफेद धागे से सायंकाल के समय लक्ष्मी जी का पूजन कर\
ऊँ शुं शुक्राय नम: === 
मंत्र का जाप कर के धारण करें. संतानहीनता,कर्ज की अधिकता और धन के अभाव जैसी समस्या से मुक्ति मिलेगी.09926077010 
शनि==ग्रहों की शांती पेड़ पौधों की जड़ों से भी -- सस्ता और सुन्दर 
आपकी कुंडली में यदि शनि सूर्य युक्त है,सप्तम भाव में है या नीच का होकर मेष राशि में है तो आप अनुराधा नक्षत्र वाले दिन बिच्छू या बिच्छौल की घांस को नीले धागे से काली जी की पूजा के पश्चात \
ऊँ शं शनैश्चराय नम:
मंत्र का जाप कर के धारण करें. कार्यों में हो रहे विलम्ब,कानूनी अड़चन और रोगों से मुक्ति मिलेगी.

राहु====ग्रहों की शांती पेड़ पौधों की जड़ों से भी -- सस्ता और सुन्दर 
आपकी कुंडली में राहु लग्न,सप्तम या भाग्य स्थान मे है, तथा शुभ ग्रहों से युक्त है तो आप आद्र्रा नक्षत्र वाले दिन चन्दन की लकड़ी का टुकड़ा शिव जी का अभिषेक कर के भूरे धागे में
ऊँ रां राहुए नम:
मंत्र का जाप कर के धारण करें. रोग,चिड़चिड़ापन,क्रोध,बुरी आदतों तथा अस्थिरता से मुक्ति मिलेगी.
केतु== 09926077010 
यदि आपकी कुंडली में केतु,चन्द्र या मंगल युक्त होकर लग्नस्थ है, तो आप अश्विनी नक्षत्र वाले दिन गणेश जी का पूजन करने के पश्चात शुद्ध की हुई असगन्ध या अश्वगन्धा की जड़
, ऊँ कें केतवे नम:
मंत्र का जाप करने के पश्चात, नारंगी धागे से धारण करें. चर्म सम्बन्धी रोग,किडनी रोगों और वैवाहिक समस्याओं में लाभ होगा.
याद रखें कि समस्या की पूर्ण मुक्ति के लिये, आपको मंत्रों का जाप प्रतिदिन करना होगा.
grahon ka dan === sarv sulabh he yah apnaye 
ग्रह और उनसे सम्बन्धित दान समग्री
यदि आपको कोई ग्रह pida है,तो सम्बन्धित जड़ को धारण करने के पश्चात उस से सम्बन्धित वस्तुओं का लोगों को दान करने से भी लाभ होता है:
सूर्य :
माणिक्य, लाल वस्त्र, लाल पुष्प, लाल चंदन, गुड़, केसर अथवा तांबा.
चंद्र :
बांस की टोकरी, चावल, श्वेत वस्त्र, श्वेत पुष्प, घी से भरा पात्र, चांदी, मिश्री, दूध, दही.
मंगल 
: मूंगा, गेहूं, मसूर, लाल वस्त्र, कनेर पुष्प, गुड़, तांबा, लाल चंदन, केसर.
बुध :09926077010 

हरे मूंग, हरा वस्त्र, हरा फल, पन्ना, केसर, कस्तूरी, कपूर, घी, मिश्री, धार्मिक पुस्तकें.
गुरू :
घी, शहद, हल्दी, पीत वस्त्र, शास्त्र पुस्तक, पुखराज, लवण, कन्याओं को भोजन.
शुक्र :
सफेद वस्त्र, श्वेत स्फटिक, चावल, सुगंधित वस्तु, कपूर, अथवा पुष्प, घी- शक्कर- मिश्री-दही.
शनि 
: तिल, सभी तेल, लोहा धातु, छतरी, काली गाय, काला कपड़ा, नीलम, जूता,कंबल.
राहु =09926077010 
: गेहूं, उड़द, काला घोड़ा, खडग़, कंबल, तिल, लौह, सप्त धान्य, अभ्रक.
केतु : 
तिल, कंबल, काला वस्त्र तथा पुष्प, सभी तेल, उड़द, काली मिर्च, सप्तधान्य.ka dan kare

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