रविवार, 12 अक्तूबर 2014

==== देश सोने की चिड़ियाँ था === जब चिड़ियाँ जैसा दीखता था

==== देश  सोने की चिड़ियाँ था === जब चिड़ियाँ जैसा दीखता था = अब ..हाथ फैलाएं ..? 
===== वक्त आने को हे जब हम अपने भूगोल को सुधारें == उन्नति की और बड़े \\
---यदि हम जैसलमेर से बाड़मेर होकर भुंज तक जो भाग राजस्थन - गुजरात की सीमा के अन्दर पाकिस्तान का आता हे , जो इधर घुसा हुवा हे , उसको एक सीध में ले ले याने की , संघार ,मीरपुर खास ,शेख भीर्यखियों , बदीन, तक का क्षेत्र अपनी सीमा में मिला ले , तो उसका बार बार का विवाद करना ही समाप्त हो जायेगा , याने की उसके हैदराबाद प्रान्त का पश्चिमी हिस्सा \\ और हमारे देश के वास्तु के साथ उनका वास्तु भी सुधर जायेगा \\
-- १८७६ के अफगानिस्तान के विभाजन से लेकर  १९६२ के अक्षय सियाचिन के चीन पर कब्जे के साथ आज तक १० बार देश की सीमायें और हमारा भूगोल बदला जा चूका हे , सोने की चिड़ियाँ से , एक बाहें फहलाएं व्यक्ति की तरह से खड़ा दिखाई देने लगा हे ,पूर्वोत्तर और सम्पूर्ण पश्चिमोत्तर बदल चूका हे , दक्षिण में केवल श्रीलंका ही बदला हे , यु भी वह चिड़ियाँ के अंडें की भांति था जो की आज दूर हे , \

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